खरी बात: कभी देखा है हनुमान जी को नारी रूप में
यादें, जो जुड़ी रहती हैं हर एक के विगत जीवन से, सबके पास होता है कुछ न कुछ याद करने को, हर एक के हिस्से में आती हैं यादें - कुछ खट्टी, कुछ मीठी, कुछ कसैली, तो कुछ खुशनुमा.. यादें वो, जो कभी विस्मृत हुई ही नहीं, यादें वो, जो अक्सर आ ही जाती है ख्यालों में.